आज से, अब से,अभी से, हमें तुम्हारा प्यार क़ुबूल,
हम खो जाएं एकदूजे में, हो जाएं ऐसे मशगूल,
दुनिया की आपाधापी से, फिर हमें क्या लेना-देना,
तुम खुश तो मैं भी खुश, रहे यही जीवन का उसूल।
प्रीति सुराना
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आज से, अब से,अभी से, हमें तुम्हारा प्यार क़ुबूल,
हम खो जाएं एकदूजे में, हो जाएं ऐसे मशगूल,
दुनिया की आपाधापी से, फिर हमें क्या लेना-देना,
तुम खुश तो मैं भी खुश, रहे यही जीवन का उसूल।
प्रीति सुराना
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