अब नही है मुझे किसी का भी इंतजार
और न होता मुझे किसी पर भी एतबार,
लोग आते हैं,जाते है, मिलते-मिलाते हैं
मतलब के रिश्तों में क्या अपनापन कैसा प्यार,..
प्रीति सुराना
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अब नही है मुझे किसी का भी इंतजार
और न होता मुझे किसी पर भी एतबार,
लोग आते हैं,जाते है, मिलते-मिलाते हैं
मतलब के रिश्तों में क्या अपनापन कैसा प्यार,..
प्रीति सुराना
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