Saturday 24 June 2017

काबिल

हर कोई जो काबिल होता
सबको सबकुछ हासिल होता

सुख ही सुख मिलता जीवन में
दुख न कभी भी दाखिल होता

अपनों की खुशियों की खातिर
कोई काम न बोझिल होता

सुख में देख किसी अपने को
सुख अपना भी शामिल होता

कोशिश बिन कुछ पाना चाहे
वो अकसर ही बुजदिल होता

साथ मुझे जो मिलता तेरा
मैं नौका तू साहिल होता

कठिन बहुत मनचाहा मिलना
वरना तू ही मंजिल होता

प्रीति सुराना

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