हर कोई जो काबिल होता
सबको सबकुछ हासिल होता
सुख ही सुख मिलता जीवन में
दुख न कभी भी दाखिल होता
अपनों की खुशियों की खातिर
कोई काम न बोझिल होता
सुख में देख किसी अपने को
सुख अपना भी शामिल होता
कोशिश बिन कुछ पाना चाहे
वो अकसर ही बुजदिल होता
साथ मुझे जो मिलता तेरा
मैं नौका तू साहिल होता
कठिन बहुत मनचाहा मिलना
वरना तू ही मंजिल होता
प्रीति सुराना
बहुत खूब
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