मैं
माचिस की तीली,
जलना मेरी नियति,..
पर
मुझसे चिराग जलें
या घर,
इसका जिम्मेदार
सिर्फ वो
जिसने मुझे जलाया,..
क्योंकि
ज्वलनशीलता के
दुर्गुण के साथ
खुद से जलने का
हुनर न दिया
कुदरत ने मुझे,..
मेरी नियति हमेशा
दूसरों के हाथों
इस्तेमाल होना भी रही।
प्रीति सुराना
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