मैं अभी भी रास्ते में हूं बहुत लंबा सफर है।
पर पहुंचना ही है मंज़िल पर मन में ये सबर है।
क्या हुआ जो हर कदम मुझे रुसवाइयां मिली,
यादें सुख-दुख की रही हरदम मेरी हमसफ़र है।
प्रीति सुराना
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मैं अभी भी रास्ते में हूं बहुत लंबा सफर है।
पर पहुंचना ही है मंज़िल पर मन में ये सबर है।
क्या हुआ जो हर कदम मुझे रुसवाइयां मिली,
यादें सुख-दुख की रही हरदम मेरी हमसफ़र है।
प्रीति सुराना
सुख दुःख हमेशा के साथी हैं ... साँसें है जीवन की ,...
ReplyDeleteनव वर्ष मंगलमय हो ...