Wednesday 12 October 2016

मेरे बीत जाने के बाद भी,...

साल दर साल
बीतता रहा वक्त
जिम्मेदारियों ने डाला असर
जिंदगी के हर मोड़ पर,..
निशान झलकते रहे
चेहरे की रंगत
और
माथे की लकीरों पर,..
पर वक्त रुकेगा नहीं
उसे तो चलना ही है
यूं ही अनवरत
सालों मेरी उम्र के साथ,..
एक दिन रुक जाएगा मेरा चलना
क्योंकि
ये शाश्वत सत्य है
वक्त बीतता रहेगा,..

मेरे बीत जाने के बाद भी,... प्रीति सुराना

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