Thursday, 1 September 2016

आंखों का मौसम

पलकों पर आंसू ठहरा सा है
आंखों का मौसम निखरा सा है
पर है इक बवंडर मन के भीतर
सच मन का आंगन बिखरा सा है,... प्रीति सुराना

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