हार चुकी मैं सबकुछ अपना
जिस पल मैंने तुझको हारा,
कुछ भी पास नहीं अब मेरे
मैंने सब कुछ तुझपे है वारा,
मेरे मन के सूनेपन को अब
कभी न कोई भर पाएगा,
चाहे सामने लाकर मेरे
रख दे कोई वृंदावन सारा। ,.. प्रीति सुराना
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हार चुकी मैं सबकुछ अपना
जिस पल मैंने तुझको हारा,
कुछ भी पास नहीं अब मेरे
मैंने सब कुछ तुझपे है वारा,
मेरे मन के सूनेपन को अब
कभी न कोई भर पाएगा,
चाहे सामने लाकर मेरे
रख दे कोई वृंदावन सारा। ,.. प्रीति सुराना
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