पंद्रह साल के बच्चों के संग जीवन का आगे बढ़ जाना,
अठारह साल के बेटे को 'तू बड़ा हो गया' ये समझाना,
पर क्या करूं मैं अपनी ही इस नटखट सी फितरत का,
बड़े-बड़े बच्चों के बीच यूं मेरा फिर बच्चा बन जाना,.. प्रीति सुराना
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पंद्रह साल के बच्चों के संग जीवन का आगे बढ़ जाना,
अठारह साल के बेटे को 'तू बड़ा हो गया' ये समझाना,
पर क्या करूं मैं अपनी ही इस नटखट सी फितरत का,
बड़े-बड़े बच्चों के बीच यूं मेरा फिर बच्चा बन जाना,.. प्रीति सुराना
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