Wednesday, 8 June 2016

पहचान

पहचान अगर तेरी बन न सकी तो गम न कर,
कितने ही सितारों का जग में कोई नाम नही है।

कभी गौर करना जो जहां को करतें हैं रोशन,
उन चरागों तले रोशनी का कोई आयाम नहीं है।

सूरज हमेशा जलता ही रहता बुझता नहीं है,
उसके हिस्से में होती कभी कोई शाम नहीं।

आकाश,चांद,तारे,हवा और नदियों का जल,
सारे सृष्टि के रखवाले लेकिन कोई दाम नहीं।

तू कर कर्म अपने न भटक यूं अपने पथ से
फल की चिंता में रुक जाना वीरों का काम नहीं,.....  प्रीति सुराना

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