मुझे अपने जख्मों को सीना नहीं आता।
गम हो या जहर मुझे पीना नहीं आता।
मैं इतना जानती हूं बस तू है तो मैं हूं,
दूर रह कर तुझसे मुझे जीना नहीं आता। ,..प्रीति सुराना
copyrights protected
मुझे अपने जख्मों को सीना नहीं आता।
गम हो या जहर मुझे पीना नहीं आता।
मैं इतना जानती हूं बस तू है तो मैं हूं,
दूर रह कर तुझसे मुझे जीना नहीं आता। ,..प्रीति सुराना
0 comments:
Post a Comment