Saturday, 21 May 2016

निभाया न गया

हमसे  आया  न  गया,तुमसे  बुलाया  न  गया
फासला  प्यार  में  दोनो  से  मिटाया  न  गया ।

यूं तो आदत रही है हमें तनहा जीने की,
घुट घुट कर अपने ही आंसू के पीने की,
तुझसे भी तो साथ मेरा निभाया न गया,
फासला प्यार में दोनों से मिटाया न गया,
हमसे आया न गया,...

बाद मुद्दत के आज खोले मन के द्वार,
आज भी चलो मैंने मान ली तुमसे हार,
अपना हाल ए दिल तुमसे बताया न गया
फासला प्यार में दोनों से मिटाया न गया
हमसे आया न गया,...

खैर छोड़ो अब ये जिरह की सारी बातें
काट लूंगी मैं साथ रहकर भी तनहा रातें
हक़ से रूठी रही मैं तुमसे मनाया न गया
फासला प्यार में दोनों से मिटाया न गया
हमसे आया न गया,... प्रीति सुराना

0 comments:

Post a Comment