सुनो!
तुम
मुझे समझना चाहते हो न!!
मेरी बातों से नहीं
मेरी आंखों से
मेरे चेहरे से
मेरी भावनाओं
मेरे समर्पण से
समझो मुझे,..
बातों का क्या
'मैं ठीक हूं'
ये तो बस
मेरा "तकिया कलाम" है,..
प्रीति सुराना
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सुनो!
तुम
मुझे समझना चाहते हो न!!
मेरी बातों से नहीं
मेरी आंखों से
मेरे चेहरे से
मेरी भावनाओं
मेरे समर्पण से
समझो मुझे,..
बातों का क्या
'मैं ठीक हूं'
ये तो बस
मेरा "तकिया कलाम" है,..
प्रीति सुराना
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