Sunday, 29 May 2016

सांसों में सरगम सा

साथ मेरे हर पल है रहता।
सांसों में सरगम सा बहता।

मैं प्यास हूं, तू बहती नदी,
मैं इक पल हूं तू है सदी,
मैं राही हूं तू है रास्ता,
मैं किस्सा हूं तू दास्ता,
साथ मेरे हर पल है रहता।
सांसों में सरगम सा बहता।

मैं स्वर तेरा तू है राग ,
मैं भाव हूं तू अनुराग,
मैं गजल हूं तू है मक़ता,
मैं गीत हूं तू मेरी गेयता,
साथ मेरे हर पल है रहता।
सांसों में सरगम सा बहता।

मैं प्रश्न हूं तू है जवाब,
मैं जर्रा हूँ तू आफ़ताब,
मैं विलाप हूं ,तू आंसू बहता,
मैं मरुधरा तू सूरज जलता,
साथ मेरे हर पल है रहता।
सांसों में सरगम सा बहता।
प्रीति सुराना

0 comments:

Post a Comment