Wednesday 13 April 2016

हो प्रेम हृदय में,..

हो प्रेम हृदय में
न संशय मन में
मन ऐसे हरसाओ,..

सारे दुख सह के
साहस करके
सुख के बाग लगाओ

सपनों को जोड़ो
आस न छोड़ो
आगे कदम बढ़ाओ

हिल मिल सब साथी
बांटो खुशियां
प्रेम का रंग जमाओ,....प्रीति सुराना

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