Tuesday, 12 April 2016

आकर देखिये

आप यूं तरसा रहे हैं दूर रहकर देखिये।
किस तरह दिल रो रहा है पास आकर देखिये।।

आपकी खामोशियां करने लगी बोझिल मुझे।
बात जो दिल में दबी है वो बताकर देखिये।।

पास आकर बैठिये कुछ बात मुझसे कीजिये।
यूं नहीं होता भरोसा तो जताकर देखिये।।

बिन कहे ये दूरियां यूं हीं नहीं मिट जाएगी।
फासले जो दरमियां हैं वो मिटाकर देखिये।।

दूरियां जो मिट गई तो प्यार बाकी क्यूं रहे।
है अगर कोई वहम पहरे लगाकर देखिये।।

यूं नहीं आता समझ में प्यार ऐसी चीज है।
जानना है प्यार को तो दिल लगाकर देखिये,... प्रीति सुराना

0 comments:

Post a Comment