बंद खिड़की की झिर्रियों से
खुशबू भले ही आती हो
प्यार वाली,..
पर
हवा के साथ
धूल भी तो चली आती है,..
वैसे भी
आजकल हर तरफ
मौसम ज़रा ख़राब है,... प्रीति सुराना
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बंद खिड़की की झिर्रियों से
खुशबू भले ही आती हो
प्यार वाली,..
पर
हवा के साथ
धूल भी तो चली आती है,..
वैसे भी
आजकल हर तरफ
मौसम ज़रा ख़राब है,... प्रीति सुराना
बढ़िया
ReplyDeleteबहुत सुन्दर
ReplyDeleteशानदार और उम्दा प्रस्तुती।
ReplyDeleteआपकी रचनाएं यहां भी प्रकाशन के लिए आमत्रित है::::
संपादक / प्रकाशक
AKSHAYA GAURAV Online Hindi Magazine