Sunday 11 October 2015

"मेरे बाद,.."

सुनो!!

अब तुम्हे सीखना होगा,..
परिस्थितियों से लड़ना,..
परिस्थितियों का सामना करना,..
और
परिस्थितियों को वश में करना,..

क्यूंकि
अब इन सबके लिए तुम्हे तैयार होना चाहिए
ये दुनिया की क्रूरतम सच्चाई है कि
यहां हर कोई अकेला है,..
कोई किसी के साथ हमेशा नहीं रहता...

कितना भी कहें लोग कि दुनिया एक मेला है,.
या तुम्हारी सफलताओं के बाद तुम्हारे पीछे कितना भी बड़ा काफिला हो,..
ये हमेशा याद रखना,
जब परिस्थितियां प्रतिकूल हों,
तुम अकेले ही खड़े रहोगे,..

और मैं चाहती हूं
अब सीख लो
तुम अकेले खड़े रहने का हुनर,..
आखिर
ये सब करना ही होगा तुम्हें
"मेरे बाद,...",...प्रीति सुराना

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