Tuesday, 22 September 2015

बिछड़ने से डरती हूं

तेरे साथ
मैं खुश रहकर
बिछड़ने से डरती हूं
क्यूंकि
फिर होती है
आंसुओं की बेहिसाब बारिश,..
और
मैंने देखा है
अकसर
खुशगवार मौसम के बाद
तेज़ बारिशों से
अच्छी फसलों की तबाही को,...प्रीति सुराना

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