तेरे साथ
मैं खुश रहकर
बिछड़ने से डरती हूं
क्यूंकि
फिर होती है
आंसुओं की बेहिसाब बारिश,..
और
मैंने देखा है
अकसर
खुशगवार मौसम के बाद
तेज़ बारिशों से
अच्छी फसलों की तबाही को,...प्रीति सुराना
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तेरे साथ
मैं खुश रहकर
बिछड़ने से डरती हूं
क्यूंकि
फिर होती है
आंसुओं की बेहिसाब बारिश,..
और
मैंने देखा है
अकसर
खुशगवार मौसम के बाद
तेज़ बारिशों से
अच्छी फसलों की तबाही को,...प्रीति सुराना
सुन्दर .........
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