"ग़लतफ़हमी"
एक ऐसा 'खरपतवार' है
जो ज़रा सी असावधानी से
पैदा होती है,..
और
इतनी तेज़ी से
बढ़ती,फलती और फूलती है,
कि बोई गई फसल
पूरी तरह नष्ट हो सकती है,..
इस खरपतवार पर
नज़र पड़ते ही,..
प्रेम और विश्वास का
गाढ़ा घोल बनाकर
इस पर डाल देना चाहिए,..
इसे कभी भी
उखाड़ने की कोशिश न करें
क्योंकि
इसकी जड़ों में पाए जाने वाले
विषाक्त कण
ज़मीन से पोले हिस्से में तेज़ी से फैलते हैं,
और ज़मीन को खोखला कर देते हैं,
फसल के नुकसान के साथ ही
आगे चलकर
प्रभावित ज़मीन
बंज़र हो जाती है,..
उसपर फिर किसी फसल की
संभावनाएं ख़त्म हो जाती हैं,..
विशेष सुझाव:-
थोड़ी सी सावधानी,
संतुलित व्यव्हार,
संयमित भाषा
और ज़मीन पर
भावनाओं के बीजारोपण के पूर्व ही
प्रेम और विश्वास के घोल का
छिड़काव करने से
इस गंभीर समस्या
यानि गलतफ़हमी के खरपतवार से
फसल को बचाया जा सकता है,..
"बीमारी के इलाज़ से सावधानी भली",.. प्रीति सुराना
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