जिंदगी सहेली है पहेली है या छावं या धूप है,
जिंदगी की अदाएं और नाज नखरे भी खूब है,
जिंदगी में कल क्या होगा ये खबर नहीं बस फिक्र है,
जिंदगी अफ़साना है इसके जाने कितने रंग रूप है?,...प्रीति सुराना
copyrights protected
जिंदगी सहेली है पहेली है या छावं या धूप है,
जिंदगी की अदाएं और नाज नखरे भी खूब है,
जिंदगी में कल क्या होगा ये खबर नहीं बस फिक्र है,
जिंदगी अफ़साना है इसके जाने कितने रंग रूप है?,...प्रीति सुराना
आपकी इस पोस्ट को शनिवार, ०८ अगस्त, २०१५ की बुलेटिन - "पश्चाताप के आंसू" में स्थान दिया गया है। कृपया बुलेटिन पर पधार कर अपनी टिप्पणी प्रदान करें। सादर....आभार और धन्यवाद। जय हो - मंगलमय हो - हर हर महादेव।
ReplyDeleteAbhar
ReplyDeleteAbhar
ReplyDeleteबहुत बढ़िया ...
ReplyDeleteबहुत सुंदर
ReplyDeleteआभार इस बेहतरीन अभिव्यक्ति के लिए
ReplyDelete