जब आज मैं सह ना पाई पीर,
मेरी आंखों से भी छलके नीर,
मन में अनजाना एक डर सा है,
मैं खो ना दूं कहीं अपना धीर,...प्रीति सुराना
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जब आज मैं सह ना पाई पीर,
मेरी आंखों से भी छलके नीर,
मन में अनजाना एक डर सा है,
मैं खो ना दूं कहीं अपना धीर,...प्रीति सुराना
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