मेरे पास क्या है
ये सबको बताया है मैंने,
पर जो नहीं है उसकी कसक
सिर्फ तुमने देखी है...
मेरी सफलता के मुकाम
पूरी दुनिया को मालूम है,
पर मेरी असफलताओं का सबब
सिर्फ तुमने जाना है...
मेरी उपलब्धियां
सब अपने पराये जानते हैं,
पर मैंने क्या क्या खोया है
ये सिर्फ तुम्हे पता है,..
मैं कितना हंसती हूं
ये सारा ज़माना देखता है,
पर मेरे आंसुओं का सैलाब
सिर्फ तुमने झेला है,..
मेरी खुशियों पर
हर कोई नज़र डाल सकता है,
पर मैंने दर्द और सपनों का हिसाब
सिर्फ तुम्हे दिया है,...
सुनो!!!
मुझे माफ़ कर दोगे ना
तुम्हारे प्यार के बदले
बहुत सज़ा मिली है तुम्हे,...
कितना सह लेते हो तुम मुझे,....प्रीति सुराना
Beautiful poem
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