Thursday, 2 July 2015

आज नहीं,..

छुप जा मेरे आंसू आज कहीं,
तेरी जरुरत मुझको आज नहीं,..

वो जिसने दर्द दिए थे ना मुझको,
मैं रोऊं मन उसका आज नहीं,..

मेरी खुशियां मेरी थीं ही कब,
पर आसूं भी मेरे आज नहीं,..

इन हंसने रोने की बातों पर,
अब कोई भी झगड़ा आज नहीं,..

"प्रीति" एक तुम ही तो अपनी हो,
पर संग अपने कोई आज नहीं,.....प्रीति सुराना

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