Monday, 11 May 2015

लोग मुझे शायर कहते है,..


मैं थक जाती हूं
करते करते बातें खुद से,.
तब लिख देती हूं
लब्जों में दिल की बातें,..
तुम्हारे पास वक़्त नहीं 
मुझे सुनने या पढ़ने का,.
और मैं यूँ ही लिखते मिटाते 
रातें गुजार देती हूं,..
और लोग 
उसे अफ़साना समझकर 
करते हैं तारीफ़ें,..

सुनो

आजकल लोग 
मुझे शायर कहते है,.. प्रीति सुराना

1 comment:

  1. वाह !!
    "मैं थक जाती हूँ
    बातें करते करते खुस से"......बेहतरीन अहसास । दाद....

    अवलोकन हेतु आइयेगा.....

    तेरी जुल्फों से नज़र मुझसे हटाई न गई,
    नम आँखों से पलक मुझसे गिराई न गई |

    contd......
    http://www.harashmahajan.blogspot.in/2015/04/blog-post_28.html

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