Wednesday 30 July 2014

क्या लिखूं?????



मैं गीत लिखूं या गजल लिखूं,
या कोई मन की बात लिखूं,...

जो बीत गया या बीतेगा,
या बीत रहा हालात लिखूं,..

खुशियों बिन कैसे जीती हूं,
मैं अपनी वो औकात लिखूं,..

सपनों के टुकड़ों से लगते,
मैं वो सारे आघात लिखूं,..

चाहत में जो साथ चली है,
उन यादों की बारात लिखूं,..

दिल ने जो खोया या पाया,
मैं जीत उसे या मात लिखूं,..

पीर मिली है जो अपनों से,
मैं आज वही  सौगात लिखूं,..

अब इस मन में जो सुख दुख है,
मै उसका ही अनुपात लिखूंं,........प्रीति सुराना
(चित्र गूगल से साभार)

4 comments:

  1. सुंदर प्रस्तुति...
    दिनांक 31/07/2014 की नयी पुरानी हलचल पर आप की रचना भी लिंक की गयी है...
    हलचल में आप भी सादर आमंत्रित है...
    हलचल में शामिल की गयी सभी रचनाओं पर अपनी प्रतिकृयाएं दें...
    सादर...
    कुलदीप ठाकुर

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  2. बहुत ही खूब।
    बहुत उम्दा अभिव्यक्ति।
    नई रचना : सूनी वादियाँ

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