Friday 25 July 2014

सूना है सावन,.. (माहिया)

कुछ माहिया सावन के :-
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कितना है मनभावन
शीतल पवन चले
भीगा भीगा सावन..

भीगा भीगा सावन
बहका सा है मन
प्रीत हमारी पावन..

प्रीत हमारी पावन
है निसार तन मन
जाने है यह सावन..

जाने है यह सावन
तरसे तुम बिन मन
आ भी जा अब साजन..

आ भी जा अब साजन
सूना है सावन
सूना मन का आंगन....प्रीति सुराना

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