हां !
अब तो
गम की आदत सी हो गई है
खुशियों की आहट भी हो
तो डर सा लगता है
क्यूंकि वक्त ने अपनी ठोकरों से
समझा दिया है मुझको
वक्त अच्छा हो या बुरा
वक्त बदल जाता है
और बुरे वक्त का बदलना तो अच्छा लगता है
पर अच्छे वक्त के बदल जाने की
कल्पना से भी
मन दहल जाता है,.....प्रीति सुराना
क्या बात है। बढ़िया
ReplyDeleteबहुत सुंदर
ReplyDeleteसच कहती पंक्तियाँ .
ReplyDeleteRecent Post …..दिन में फैली ख़ामोशी