वो जब आया
तो सबने बहुत खुशियां मनाई,..
संगीत-नृत्य,पटाखे-मिठाईयां,..
इन सबसे किया गया उसका स्वागत,..
"वक्त गुजरता रहा,.."
कभी दुख आए अमावस की तरह,..
कभी सुख मिले पुर्णिमा की चांदनी की तरह,.
कभी हंसी खिली धूप सी,..
कभी आंसू बहे बारिश की तरह,..
कभी प्रेम ने शीतल किया,..
कभी गुस्से ने जला दिया,..
कभी नए मेहमान का स्वागत किया,..
कभी किसी अपने को अलविदा कहा,..
"वक्त बदलता रहा,.."
कभी सफलता के शिखर छुए,..
कभी संघर्षों के भवंर में गोते लगाए,..
कभी डर की घाटियों में भटका,..
कभी साहस कर मंजिल पर पहुंचा,..
खाते-पीते,जागते-सोते,
लड़ते-झगड़ते,कहते-सुनते,
लेते-देते,पाते-खोते,
हंसते-रोते,मरते-जीते,..
"वक्त गुजर ही गया,.."
ये एक साल ही तो गुजरा है
मानों जिंदगी का हर रंग भरा हो इस साल में,..
चलो कोई बात नही,..
फिर दोहराना है,..इस जिंदगीनुमा एक साल को,..
फिर होगी पुनरावृति गुजरे वक्त की,..
फिर से स्वागत होगा नववर्ष का,..
वक्त गुजरता रहेगा,..
कालचक्र चलता रहेगा,..
"जिंदगी यूंही चलती रहेगी,.."
फिर गम कैसा,..
करें खुशी खुशी विदा इस साल को,..
देर किस बात की,..चलो करें स्वागत,..
जिंदगीनुमा आने वाले साल का,..
"स्वागत नववर्ष"
"शुभकामनांए सभी को नववर्ष की",....प्रीति सुराना
कभी नए मेहमान का स्वागत किया,..
ReplyDeleteकभी किसी अपने को अलविदा कहा,..
"वक्त बदलता रहा
वाह...................
thanks yashoda ji,.. apne hamesha mujhe prerit kiya hai,.
Deleteबेहतरीन जज़्बात ....
ReplyDeletethanks
Deleteकल 27/12/2013 को आपकी पोस्ट का लिंक होगा http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर
ReplyDeleteधन्यवाद!
bahut aabahr yashwant ji,.. prerna aur sahyog ke liye
Deleteजीवन यूँ ही चलता है ...
ReplyDeletethanks,.. :)
Deleteसुन्दर .....
ReplyDeletedhanywad
Deletedhanywad
ReplyDeleteआपके लेखन ने इसे जानदार और शानदार बना दिया है....
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