सुनो !
मैंने सुना है
क्रिसमस की रात
सैंटा क्लॉज आता है
अपनी लाल झोली में ढेर सारी खुशियां लेकर
सब एक चिट्ठी में
अपनी ख्वाहिश लिखकर
अपने तकिये के नीचे रखकर,..
खिड़की खुली करके सो जाते है,..
तब रात में सैंटा क्लॉज
चुपके से आकर
वो ख्वाहिश
पूरी करके चला जाता है,..
मैंने भी इस बार कुछ लिख रखा था
सैंटा क्लॉज के लिये
पर बदकिस्मती से
खि़ड़की खोलना भूल गई,..
खैर जाने दो,..
जो मैंने लिखा था वो मुझे मिलना ही नही था,.
शायद इसीलिये मुझसे ये भूल हुई हो,.. ??
और मैंने दोष मढ़ा किस्मत पर,..
मैने मांगा था
कि सैंटा क्लॉज
दुनिया को
मुस्कुराहटों और खुशियों से भऱ दो,..
उसे ये करने के लिए दुनिया से
भूख,बीमारी,बेईमानी,बदनसीबी
और इन सब से भी बडी़ चीज
"बेबसी" को साथ ले जाना पड़ता,..
आखिर छोटी सी झोली में ये सब कंहा समा पाते,..
इसीलिए
ईश्वर ने जानबूझकर मुझसे ये भूल करवाई,.
ताकि लोग ये न कहने लगे कि सैंटा क्लॉज की कहानी झूठी है,..
"समय से पहले और किस्मत के बिना कभी किसी को कुछ नहीं मिलता"
कहावतें यूंही नही बनती,... :( ,..................प्रीति सुराना
आपकी चाह बड़ी सुन्दर है, ईश्वर उसे पूरा करे।
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