Friday, 4 October 2013

"वो" दर्द ,...



दिल को मिला है जो "वो" दर्द बहुत गहरा है,
पर लबों पे मुस्कान का बड़ा सख्त पहरा है,
आंखों को भी सख्त मनाही है कुछ जताने की ,
तभी "वो " पलकों तले नमी बनकर ठहरा है,....प्रीति सुराना

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