Wednesday, 5 June 2013

आंसू का कतरा

सुनो!!

मुझे याद है
जब मैं मिली थी तुमसे
रास्ते में उस मोड़ पर,..
सोचा नही था
अगले ही पल
जुदाई का लम्हा भी आएगा,..

और

खुशी हो या गम
जो सबसे पहले
मेरी आंखों से छलकता है,..
सोचा नही था
ये आंसू का कतरा मुझसे
इतनी वफा निभाएगा,..,...प्रीति सुराना

1 comment:

  1. वाह .लाजवाब कविता. धन्यवाद
    कभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |
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