Tuesday, 4 June 2013

शीतल सा अहसास


""प्रीति"  की "निधि" मिली मुझे, 
"पुनीत" हुआ मन का आंगन,
खुशियों का "बादल" जो आया,
 "अमिय" से सिंचित हुआ चमन, 
शीतल सा अहसास हुआ यूं,
दूर हो गई दर्द की भी "तपन" 
"सुरेन" "महावीर" "राहुल" के संग, 
बांधा हमने भावों का बंधन,
जाने कैसी ये मधुर सी "गुंजन" 
पुलकित हुआ है आज "मेरा मन" .....प्रीति सुराना

2 comments:


  1. वाह बहुत खूब लिखा
    बहुत सुंदर
    बधाई


    आग्रह है
    गुलमोहर------

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