एक अजनबी
जो
मुझे
सात वचन देकर
मेरे माथे पर
सिंदुर सजाकर
मुझे
मंगलसूत्र पहनाकर
अग्नि की साक्षी में
सात फेरे साथ चलकर
बन गया मेरा जीवनसाथी
वो अब
हमराज है
हर पल का
हमराह है
हर सुख दुख का
वो अब
संगी है
बचपन की यादों का
साथी है
कल के सपनों का
वो अब
साक्षी है
आंसुओं और हंसी का
वजह है
मेरे जीने की
वो अब
मेरा यकीन है
हमारे सफल जीवन का
बीते हुए पंद्रह सालो की तरह
आने वाले कल के हर पल का,......प्रीति सुराना
विवाह वर्षगांठ पर हार्दिक शुभ कामनाएं !
ReplyDeletelatest post"मेरे विचार मेरी अनुभूति " ब्लॉग की वर्षगांठ
dhanywad
DeleteHappy Anniversary
ReplyDeletedhanywad
Deleteवर्ष गांठ की हार्दिक शुभ कामनाएँ!
ReplyDeleteसादर
शुभकामनायें |
ReplyDeleteकभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |
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dhanywad
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