Monday, 15 April 2013

नकली रिश्ते


चंद बातें हायकू में:---

भावनाहीन
निर्जीव वस्तु जैसे
बेजान रिश्ते,..

बेजान रिश्ते
बनावटी हंसी में
लिपटे हुए,..

लिपटे हुए
सुंदर लिबास में
नकली लोग,..

नकली लोग
नकली एहसास
नकली रिश्ते,..

नकली रिश्ते
कागजी फूलो जैसे
कैसी खुशबू,..??,....प्रीति सुराना

8 comments:

  1. लिपटे हुए
    सुंदर लिबास में
    नकली लोग,..-----
    वाह क्या खूब सही कहा है
    सुंदर सार्थक रचना
    उत्कृष्ट प्रस्तुति
    शुभकामनायें


    मेरे ब्लॉग में भी पधारें

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  2. बहुत गहरी रचना.. दिल की गहराइयों में उतर जाती है!!

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