होलिका दहन की शुभकामनाएं
काश!
आत्मा की साक्षी से
आत्मपरीक्षण की अग्नि में
मन की सारी बुराईयों को
होलिका बना पाते,....
और
बिठा पाते
अच्छाईयों को
प्रहलाद बनाकर
उसकी गोद में,..
और
भस्म हो जाती
होलिका
शेष रह जाता
प्रहलाद,...
तब
प्रहलाद रूपी
इस निर्मल मन पर
जिंदगी के रंगों की छटा
निराली होती,...
और
य़े होली भी,...
पर ये अग्निपरीक्षा
बहुत मुश्किल है,
है ना,...!!!!!!!,.........प्रीति सुराना
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ReplyDeleteबहुत बढ़िया ,होली की शुभकामनाएं
latest post धर्म क्या है ?
आपको और आपके परिवार को
ReplyDeleteहोली की रंग भरी शुभकामनायें
aagrah hai mere blog main bhi padharen
aabhar
thanks
Deletethanks
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