जिंदगी में आज फिर
ये खास दिन आया,...
सपनो और चाहतों ने
सुंदर आशियाना सजाया,...
अब तक बहुत कुछ
मैंने खोया और पाया,...
हंसी और आंसू को
दामन मे संजोया,...
कभी प्यार कभी तकरार
कभी जीत कभी हार,...
कभी रूठी अपनो से
कभी अपनों को मनाया,..
कभी कभी लगा
वक्त रूक सा गया है,...
कभी यूं भागा की
हाथ ही न आया,...
लड़ती रही जिंदगी से
सुकुन के चंद पलो के लिए,...
उलझती रही समय से
फुरसत के चंद लम्हों के लिए,...
और लो बीत गया
जिंदगी का एक और साल,...
आज सब की दुआओं ने
इस दिन को खुशहाल बनाया,....
बड़ों को प्रणाम
दोस्तो को नमस्ते
छोटो को स्नेह
और शुभकामनाओं के लिए आप सभी का आभार,......प्रीति सुराना
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