Wednesday, 19 December 2012

आज ही सही.


मिट भी जाए
एक ही पल में
ये दुनिया 
ये नजारे
ये चांद 
और सितारे
ये ख्वाब
ये अरमान
ये प्रेम
ये एतबार
तो क्या होगा
वैसे भी
भ्रम ही तो है
कभी न कभी
तो टूटना ही है
फिर
आज ही सही......प्रीति सुराना

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