Thursday, 13 December 2012

अफसाना न बना


बेशक न रख मुझे 
दिल में अपने,
यूं धड़कनों के बहकने का 
बहाना न बना,

बेशक न रख मुझसे
कोई भी वास्ता,
पर यू अपनी बातों से
दीवाना न बना,

बेशक न रख मुझे 
अपने अपनो की फेहरिश्त में,
मगर यूं अपनी बेरूखी से 
बेगाना न बना,

दो लफ्जों की कहानी है
रिश्ता ये हमारा,
बेसबब इसे गम का
अफसाना न बना,.....प्रीति सुराना

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