बेशक न रख मुझे
दिल में अपने,
यूं धड़कनों के बहकने का
बहाना न बना,
बेशक न रख मुझसे
कोई भी वास्ता,
पर यू अपनी बातों से
दीवाना न बना,
बेशक न रख मुझे
अपने अपनो की फेहरिश्त में,
मगर यूं अपनी बेरूखी से
बेगाना न बना,
दो लफ्जों की कहानी है
रिश्ता ये हमारा,
बेसबब इसे गम का
अफसाना न बना,.....प्रीति सुराना
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