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तुमने सिर्फ
मेरी सूरत देखी ,
कभी मेरा मन देखा ही नही,.....
छिपे थे
मेरे मन के कोने-कोने में,
नमी भरे कितने ही एहसास,..
सुनो!!!!!!
अब के
जब आओ तुम,
तो मेरे मन के हर कोने मे जाना,..
तब शायद
तुम ये जानोगे,
मेरी आंखों से क्यूं हुई बरसात,...प्रीति सुराना
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