Thursday 30 August 2012

दुगनी खुशियां



"आज है जन्म दिन 
मेरी बगिया के दो नन्हे फूलों का
बेटी जयति और बेटे जैनम का",..

मुझे वो पल तो याद नहीं है
जब मैं पहली बार आई थी
अपने मम्मी-पापा की गोद में,..

बचपन की धुंधली सी यादें थी
बचपन के साथी,स्कूल के दिन
यौवन के ढेरो सतरंगी सपने,..

फिर एक दिन रोप दिया गया
मुझे अपनी जन्मभूमि से अलग
ढेरो दुआओं के साथ नई जमीन में,..

अतीत की यादें और भविष्य के सपने 
लेकर नए आज का सफर शुरू किया
अपने हमसफर "समकित" के साथ,..

जीवन के इस नए रंग में संपूर्णता 
मातृत्व के सुख के रूप में पाई मैंने 
जब जन्म दिया मैने बेटे "तन्मय" को,..

बस सफर यही पर नही थमा मेरा
मुझ पर कुदरत की बडी मेहरबानी थी
मेरी खुशियां जो दुगनी हो जानी थी,..

अब मैं उठाती हूं दुगनी जिम्मेदारियां
और अब देखने लगी हूं दुगने सपने
जीने लगी हूं दुगने उत्साह से जिंदगी,..

बस उस दिन उस पल से जब मैंने
जन्म दिया अपने जुड़वा बच्चों को,
मेरी बेटी "जयति" और बेटा "जैनम",..

आज आकांक्षी हूं सभी अपनो से दुगने
आशीष,शुभकामनाओं और बधाई की
आज ही मैंने दुगनी खुशिया जो पाई थी,.....प्रीति

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