प्य़ार को गहरा सागर
कहते है सभी
पर कितना गहरा है ये सागर
कोई बता न पाया
क्योंकि
जिसने भी की
जानने की कोशिश
वो इस तरह डूबा कि
वो गहराई बताने
लौटकर नही आ पाया
और जो तैरता रहा
प्रेम सागर में
पर डूबा नहीं
वो न प्यार जान पाया
न उसकी गहराई जान पाया ,....प्रीति
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