मुझे रोने दो एक बार
क्यूकि मैं बेबस हूं
मुझपे रहम तो करो
यूं आंखे नम न करो,
तुम्हे जाना है मंजिल तक
मैं थक गई तो क्या
तुम रूककर दम न भरो
यूं आंखे नम न करो,
मिले कामयाबी के उजाले
अब मेरे लिए तुम
इस रोशनी तम न करो
यूं आंखे नम न करो,
यहीं तक का था साथ
अब यादें साथ होंगी
तुम ऐसे करम न करो
यूं आंखे नम न करो,
हम मिले क्यूं थे
ये सोचकर मिलने का
मजा कम न करो
यूं आंखे नम न करो,
हम बिछड़े क्यूंकि
नियती के फैसले है ये
कोई वहम न करो
यूं आंखे नम न करो,
दिल की बातें है ये
दिल से महसूस करो
कोई गम न करो
यूं आंखे नम न करो,.....प्रीति
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