Saturday, 17 March 2012

गवाही



तुझे देखा 
तो मुझे 
खुद की याद आई,,
आजकल 
कुछ इस कदर 
जी रही है मुझमे तनहाई,
मैने कमरे मे रखी 
तसवीर से 
शक्ल अपनी मिलाई,
शुक्र है 
तू था यंहा मौजूद 
आईने,
जो दे दी 
मेरे होने की गवाही,...प्रीति

0 comments:

Post a Comment