"रिश्तों का चयन सावधानी से करे"
क्या आपने कभी सोचा है????
मोबाईल मे "रिजेक्ट लिस्ट" "ब्लॉक बाई एड्रेस"
सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर "ब्लॉक" आदि
सुवधाओं के कितने फायदे हैं???
शायद हां,..
इन फायदों से हम सभी वाकिफ होंगे,....
पर क्या
कभी आपने ये सोचा है????
इन माध्यमों से हम बहुत सारे रिश्ते बनाते हैं,..
कुछ जाने,..कुछ अनजाने,....रिश्ते
जिनसे हम अपनी भावनाओं को अभिव्यक्त करते हैं,...
इस अभिव्यक्ति के साथ जब कुछ नए दोस्त बनते हैं,...
और भावनाओं से हम इस तरह जुड़ जाते है,..
कि वो ऱिश्ते जिंदगी का हिस्सा बन जाते हैं,....
पर क्या ये रिश्ते टिकाऊ हैं????
हर सिक्के की तरह इस सिक्के के भी दो पहलू हैं,..........
जंहा एक तरफ हमें अच्छे दोस्त मिलते है,...
वहीं दूसरी तरफ हमारी भावनाओं से खिलवाड़ कर रहा हो तो????
और जब ये नए अनजान रिश्ते
हमारे इन भावनात्मक रिश्तों से उकता जाते हैं,......
तब उपयोग करते हैं इन सुविधाओं का,....
फिर शुरू होता है,.
निराशा और अवसाद का दौर,...
जो आभासी दुनिया के बाहर
हमारी वास्तविक जिंदगी को बरबाद करने के अलावा
जानलेवा भी हो सकते है,.....
सावधान!
कहीं हम भी इस दौर से गुजरने की तैयारी में तो नहीं हैं ,....??,.....प्रीति
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