प्यार का एक चमन,
सुंदर सा बनाऊंगी,
उसी को अपने जीवन का,
आदर्श मैं बनाउंगी,....
जिसमे ममता की जमीं पे,
अनुशासन की मिट्टी होगी,
विश्वास की खाद होगी,
और माली मानवता को बनाऊंगी,..
जिसमें फूल होंगे खुशियों के,
अरमानो के,सपनो के,
मोहब्बत के,अपनेपन के,
प्यार की कलियां खिलाऊंगी,..
उस चमन के हर पथ पर,
एकता की हरियाली होगी,
अगर चमन ये बस जाए तो,
देश भी ऐसा ही सजाऊंगी,......प्रीति
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