Saturday, 10 December 2011

जिंदगी


जिंदगी कोई कल्पना नही,एक कटु सत्य है,



किसी के लिए अमृत,किसी के लिए जहर है,



जो जीना चाहे उसके लिए एक सुहाना सफर,



जो न जी सके उस पर तो ये कहर है,



जिसने पा लीं हो ढेरो खुशियां,



उसके लिए तो जिंदगी खुशियों का शहर है,



जिसने हो सदा गम के कांटे समेटे,



वो जिंदगी के सुख से बेखबर है,



सबके बागवां नही हैं एक से,



कुछ में है गुलाब,तो कुछ में गुलमुहर है,



कुछ ऐसे भी हैं गुलिस्तां जिसमे,


फूलों के संग कांटो का पहर है,.....प्रीति

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