समाज नया बनाना है,संकल्प किया है मैने,
भ्रष्टाचार मिटाना है,संकल्प किया है मैने,
ऊंच-नीच व भेदभाव,जात-पात हटाना है,
नारी को सम्मान मिले,संकल्प किया है मैने,
तेरा-मेरा व खून-खराबा,दौलत की दीवार हटाना है,
सब को समान सुख मिले,संकल्प किया है मैने,
सामंप्रदायिकता व छुआछूत हटा,साक्षर सबको बनाना है,
सबको अपना हक मिले,संकल्प किया है मैने,
समाज नया बनाना है,संकल्प किया है मैने,....प्रीति सुराना
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