जिंदगी की रहगुजर में,
काश कोई हमराही मिल जाता,
जिंदगी की कश्ती को,
काश कोई साहिल मिल जाता,
जिंदगी का ये सफर,
य़ूं बातों में ही गुजर जाता,
हर मुश्किलें झुक जाती,
न कोई दर्द का कारवां आता,
जिंदगी की राह का,
हर कांटा दूर हो जाता,
कोई भी गम न कभी,
पास मेरे आ पाता,
जिंदगी की झोली में तो,
खुशियां ही जब न आ पाती,
आंसुओं का समंदर,
जाने फिर कंहा जाता,
जिंदगी की रहगुजर में,
काश कोई हमराही मिल जाता,.....प्रीति सुराना
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