दीपक की रोशनी सा प्यार मेरा रोशन हो,
आंखो से बातें करूं लब मेरे मौन हों,
रोशनी पूछे मुझसे किन खयालों में गुम हो
कैसे बताऊं दीपों को वो सिर्फ तुम ही तुम हो,
दीपावली का दीपक काश उजाला ले आए,
मेरे सूने आशियां में फिर नई बहारें आए,
रोशनी की खुशियां फिर झोली में रहें,
और ये दीपावली न जीवन से कभी गुम हो,....प्रीति
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